Maldives India Conflict: चीन के दम पर भारत को आंख दिखाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू की हालात खराब है. भारत को धमकी देने वाले मोइज्जू की खुद हवा निकल गई है. अपने अहंकार और चीन की चापलूसी के चक्कर में उन्होंने मालदीव की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है. देश की अर्थव्यवस्था की हालात ऐसी हो चुकी है कि अब मालदीव भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है. मोइज्जू की हरकतों के चलते भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण हो चुके हैं, लेकिन इसके तनावपूर्व रिश्ते के बीच मालदीव के पर्यटन मंत्री ने सोमवार को भारतीयों से मालदीव आने का आग्रह किया.
भारतीय पर्यटकों से मालदीव की अपील
मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनका देश पर्यटन पर निर्भर है. उनके देश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला ट्यूरिज्म सेक्टर हैं. उन्होंने भारत और मालदीव के पुराने संबंधों की दुहाई देते हुए कहा कि मालदीव एक द्वीपीय देश है जिसकी मुख्य आजीविका का साधन पर्यटन है. उन्होंने कहा कि मालदीव और भारत के बीच जारी गतिरोध का असर उनके पर्यटन सेक्टर पर पड़ा है. मालदीव बायकॉट विवाद के बाद जनवरी से अप्रैल तक मालदीव पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 40 से 42 फीसदी तक की कमी आ चुकी है. मालदीव की मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म के डेटा के मुताबिक जनवरी से अप्रैल तक भारत से सिर्फ 43,991 टूरिस्ट मालदीव पहुंचे, जो कि साल 2023 में इस समय 73,785 थी.
टूरिज्म पर टिकी है मालदीव की अर्थव्यवस्था मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने कहा कि उनके देश की इकोनॉमी टूरिज्म पर ही निर्भर है. अगर बात मालदीव की अर्थव्यवस्था की करें मालदीव के जीडीपी में ट्यूरिज्म का कंट्रीब्यूशन 25% की है. मालदीव के रोजगार के आंकड़ों को देखें तो एक तिहाई रोजगार केवल पर्यटन के क्षेत्र से आते हैं. इसके अलावा होटल, टूर एंड ट्रैवल जैसे कई ऐसे सेक्टर्स हैं, जो डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तौर पर टूरिज्म सेक्टर से जुड़े हैं. ऐसे में भारत की नाराजगी मालदीव को बहुत भारी पड़ने लगी है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जनवरी 2024 को एक्स पर लक्षद्वीप की कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर की और लोगों को लक्षद्वीप घूमने के लिए प्रेरित किया. मालदीव के 3 मंत्रियों ने इस पोस्ट को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर ये विवाद दो देशों के बीच का विवाद बन गया और लोगों ने मालदीव बायकॉट का नारा दे दिया. भारत के लोगों ने मालदीव का बहिष्कार करने और पर्यटन के लिए वहां नहीं जाने की अपील की, जिसके बाद मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या लगातार गिरती रही.
मालदीव को कितना नुकसान
इस विवाद से पहले मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या के मामले में भारत पहले नंबर पर था. साल 2023 में करीब 2,10,198 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव में छुट्टियां मनाई. मालदीव के पर्यटकों की लिस्ट में भारत सबसे ऊपर था. विवाद से पहले मालदीव में सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारत से आते थे, लेकिन अब भारत इस मामले में छठे स्थान पर पहुंच गया है. जनवरी 2024 के बाद से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 42 फीसदी तक कम हो गई. बची-खुची कमी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने पूरी कर दी. भारत विरोधी मोइज्जू चीन के इशारे पर जुबानी हमले करते रहे, जिसने भारतीयों में नाराजगी को और बढ़ा दिया. भारतीय पर्यटक मालदीव के बजाए लक्षद्वीप या अंडमान निकोबार को प्राथमिकता दे रहे हैं. भारतीयों की इस नाराजगी का असर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर पड़ने लगा है.
भारतीय पर्यटकों के बायकॉट से कितना नुकसान
भारत के साथ विवाद बढ़ाकर मोइज्जू सरकार ने अपने पैर पर खुद कुल्हाड़ी मार ली है. भारतीय पर्यटकों के मालदीव बहिष्कार से उसकी अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. मालदीव की कुल कमाई का एक बड़ा हिस्सा टूरिस्टों से आता है. जिसमें भारतीयों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा थी, लेकिन अब वो हिस्सेदारी घटकर लगातार गिर रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पर्यटकों के इस बहिष्कार से मालदीव को 400 करोड़ के आसपास का नुकसान हुआ है. Soneva के सीईओ भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से मालदीव को 25-50 मिलियन डॉलर यानी करीब 400 करोड़ रुपए या उससे अधिक का नुकसान होगा. ये नुकसान अगर बढ़ता रहा तो कर्ज में डूबे मालदीव की हालात और खराब हो जाएगी.
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